Rumored Buzz on Shodashi

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Neighborhood feasts Engage in an important role in these functions, wherever devotees come with each other to share foods That always include things like conventional dishes. This sort of meals rejoice both equally the spiritual and cultural elements of the Pageant, boosting communal harmony.

एकस्मिन्नणिमादिभिर्विलसितं भूमी-गृहे सिद्धिभिः

सौवर्णे शैलश‍ृङ्गे सुरगणरचिते तत्त्वसोपानयुक्ते ।

प्राण प्रतिष्ठा में शीशा टूटना – क्या चमत्कार है ? शास्त्र क्या कहता है ?

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

ह्रीं श्रीं क्लीं त्रिपुरामदने सर्वशुभं साधय स्वाहा॥

कैलाश पर्वत पर नाना रत्नों से शोभित कल्पवृक्ष के नीचे पुष्पों से शोभित, मुनि, गन्धर्व इत्यादि से सेवित, मणियों से मण्डित के मध्य सुखासन में बैठे जगदगुरु भगवान शिव जो चन्द्रमा के अर्ध भाग को शेखर के रूप में धारण किये, हाथ में त्रिशूल और डमरू लिये वृषभ वाहन, जटाधारी, कण्ठ में वासुकी नाथ को लपेटे हुए, शरीर में विभूति लगाये हुए देव नीलकण्ठ त्रिलोचन गजचर्म पहने हुए, शुद्ध स्फटिक के समान, हजारों सूर्यों के समान, गिरजा के अर्द्धांग भूषण, संसार के कारण विश्वरूपी शिव को अपने पूर्ण भक्ति भाव से साष्टांग प्रणाम करते हुए उनके पुत्र मयूर वाहन कार्तिकेय ने पूछा —

Worshipping Goddess Shodashi is don't just about looking for materials Advantages but in addition in regards to the internal transformation and realization on the self.

भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।

The Tripurasundari temple in Tripura condition, regionally often known as Matabari temple, was 1st Launched by Maharaja Dhanya Manikya in 1501, although it was almost certainly a spiritual pilgrimage web-site for many generations prior. This peetham of ability was to begin with intended to be considered a temple for Lord Vishnu, but resulting from a revelation which the maharaja experienced in the aspiration, He commissioned and put in Mata Tripurasundari within just its chamber.

Goddess Tripura Sundari can also be depicted as being a maiden putting on fantastic scarlet habiliments, darkish and prolonged hair flows and is completely adorned with jewels and garlands.

केयं कस्मात्क्व केनेति सरूपारूपभावनाम् ॥९॥

Celebrations like Lalita Jayanti highlight her significance, exactly where rituals and offerings are created in her honor. The goddess's grace is believed to cleanse earlier sins and lead one toward the last word target of Moksha.

ಓಂ ಶ್ರೀಂ ಹ್ರೀಂ ಕ್ಲೀಂ ಐಂ ಸೌ: ಓಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ ಕ ಎ ಐ ಲ ಹ್ರೀಂ ಹ ಸ ಕ ಹ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸ ಕ ಲ ಹ್ರೀಂ ಸೌ: click here ಐಂ ಕ್ಲೀಂ ಹ್ರೀಂ ಶ್ರೀಂ 

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